“चातुर्मास की सार्थकता जिनवाणी श्रवण में — आचार्य श्री अरिहंतसागरसूरीश्वरजी म.सा.” भवरीबाई घेवरचंदजी सुराणा को ‘जिनशासन गौरव – अनुपमा माता’ की पदवी से विभूषित किया गया

श्री वासुपूज्य मुनिसुव्रत जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ, माधवनगर में चातुर्मास प्रवेश — जिनवाणी श्रवण, तप व तत्वचिंतन से भरपूर धर्ममय वातावरण की शुरुआत

→श्री वासुपूज्य मुनिसुव्रत जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ, माधवनगर के तत्वावधान में, चातुर्मास प्रवेश

→ चातुर्मास को ज्ञानलक्ष्मी बनाने की अपील 28/06/25, बैंगलोर: श्री वासुपूज्य मुनिसुव्रत जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ, माधवनगर में चातुर्मास प्रवेश करने के बाद आचार्य श्री अरिहंतसागरसूरीश्वरजी म.सा. ने प्रासंगिक प्रवचन में चातुर्मास के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चातुर्मास धर्म का मौसम है। अतः समझदार श्रावक प्रमाद किए बिना इसका भरपूर लाभ उठा सकते हैं।
जिस प्रकार वर्षा ऋतु में जलवृष्टि द्वारा सृष्टि नवपल्लवित होती है, उसी प्रकार चातुर्मास में जिनवाणी की वृष्टि द्वारा आत्मिक गुणों का पोषण होता है, जिससे साधना में नया वेग और ऊर्जा मिलती है।
संसार के जीवों का जीवन अनेक समस्याओं से घिरा हुआ है और समस्याओं का समाधान सही ज्ञान से होता है, और सही ज्ञान का मुख्य स्रोत है जिनवाणी।

चातुर्मास की सफलता भी जिनवाणी श्रवण और शक्ति अनुसार उसके आचरन में है।

संघ के अध्यक्ष मोहनलालजी मरलेचा ने सब का स्वागत किया और बताया की लंबे समय की विनंती के बाद आचार्य श्री का चातुर्मास मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए श्रोताओं से प्रवचन का महत्तम लाभ उठाकर चातुर्मास को ज्ञानलक्ष्मी बनाने की अपील की।

संघ के सचिव प्रकाशजी पिरगल ने कहा कि 20 तीर्थंकरों की मोक्षभूमि सम्मेतशिखरजी की पवित्रता की सुरक्षा के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से संघ में 40 दिवसीय सामूहिक सम्मेतशिखरजी तप का आयोजन किया गया है।

प्रकाशजी राठौड़ ने प्रवचन श्रवण से होने वाले लाभों के बारे में कहा कि सम्यक्‌ज्ञान से विवेक गुण की प्राप्ति होती है। साथ ही धर्म और व्यवहार के विषय में गलत धारणाओं को दूर कर सच्चा अभिगम अपनाने का अवसर मिलता है।

प्रवेश के साथ ही दैनिक प्रवचन, वाचना सत्र, रात्रि प्रवचन आदि ज्ञानकक्षाओं का दौर शुरू हो चुका है ताकि हर उम्र वर्ग के जिज्ञासु अपने-अपने अनुकूल समय अनुसार ज्ञान प्राप्त कर सकें।
इससे पूर्व संघ की श्राविकाओं ने मांगलिक द्रव्यों द्वारा शुभ शगुन दर्शाकर गुरु भगवंतों का प्रवेश कराया।

भवरीबाई घेवरचंदजी सुराणा परिवार द्वारा निर्मित सुराणा आराधना भवन के नामकरण प्रशस्ति का अनावरण किया गया जहाँ परिवार का सम्मान किया गया एवं श्रीमती भवरीबाई घेवरचंदजी सुराणा को *जिनशासन गौरव – अनुपमा माता की पदवी से विभूषित किया गया*।

उपाध्यक्ष संपतराज कोठारी,गौतम सुराणा,ख़ज़ाँची रमेश मरलेचा
अशोक पारेख ने सब का स्वागत किया

रीतेश भंडारी ने गुरु भगवंत का परिचय दिया

सुराणा परिवार द्वारा पू. आचार्य श्री की निश्रा में सुशीलधाम में वर्ष 2026 का समर वेकेशन उपधान तप कराने की घोषणा की गई।
प्रवेश समारोह में शहर के विभिन्न संघ-संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
अल्पाहार की व्यवस्था में कांतिलाल
मरलेचा ने बखूबी निभाया

प्रवीण चौहान ने आभार व्यक्त किया
वरगोड़े की व्यवस्था में जयेश कोठारी,नीतिन साकरीया,अमित मेहता,हेमंत पोरवाल आदि ने की

आज ट्रस्ट के सभी ट्रस्टीगण में काफ़ी उत्साह और उमंग देखी गई

City Today News 9341997936

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